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Friday, 29 September 2017

आलोचकों को जवाब: अरुण जेटली ने कहा- देश में मंदी का माहौल नहीं, 3 साल में लिए साहसिक फैसले

आर्थिक मोर्चे पर आलोचनाओं को खारिज करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि देश में मंदी का माहौल नहीं है। जेटली ने कहा कि मोदी सरकार ने देश को नीतिगत पंगुता से बाहर लाते हुए तीन साल में साहसिक फैसले लिए हैं, जो पिछली सरकार कभी न लेती। 
एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में जेटली ने कहा, ‘नोटबंदी व जीएसटी से दीर्घावधि में लाभ होगा। कथित मंदी कहां है? इसका कोई आधार नहीं है।’ उन्होंने बताया कि नोटबंदी का उद्देश्य था कि अज्ञात धन के मालिक की पहचान हो जाए। जिन लोगों ने इसका विरोध किया, वे वहीं है जो छद्म अर्थव्यवस्था का संचालन कर रहे थे। वित्त मंत्री बोले, ‘सभी चाहते थे कि जीएसटी आए, राज्य भी इसके पक्ष में थे। जब जीएसटी लागू होने लगा तो वे यह कहने लगे कि इसे टाल दिया जाए।’ 

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जेटली ने अर्थव्यवस्था को लेकर पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा और पी चिदंबरम के लेख का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि देश जब 70 साल का हो रहा है तो कहानी बदलने का प्रयास किया जा रहा है। जेटली ने कहा कि उनके पास पूर्व वित्त मंत्री होने की छूट नहीं है, जो अब एक कॉलमिस्ट बन गए हैं। जो अपनी सुविधानुसार देश में नीतिगत पंगुता की बात भूल जाते हैं। 

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जेटली ने याद दिलाया कि 1991 में विदेशी मुद्रा भंडार महज चार अरब डॉलर से भी कम रह गया था जो आज सबसे उच्चतम स्तर पर हैं। वर्ष 1998-2003 के बीच (जब सिन्हा वित्त मंत्री थे) गैर निष्पादित संपत्तियां (एनपीए) 15 फीसदी तक पहुंच गया था, तब कैसे उसे कम करने के लिए रिजर्व बैंक की दर कम की गई। सरफाजी कानून लाया गया। 
यूपीए सरकार तलाश रही थी दूसरे रास्ते
जेटली ने कहा कि साल 2003 से साल 2008-09 तक देश में निजी क्षेत्र बड़ रहा था, जबकि विश्व अर्थव्यवस्था संकट से गुजर रही थी। इस दौरान बैंकों की देनदारी बढ़ी। 2012-14 में सरकार ने कोई कदम नहीं उठाए। चीजों को अपनी तरह से चलने दिया। जो लोग सरकार में थे, बैंकिंग उद्योग में थे, रिजर्व बैंक सभी ने समस्या के समाधान के लिए दूसरे रास्ते की तलाश की। जेटली ने चिदंबरम व सिन्हा के एक दूसरे के बारे में दिए गए बयानुों को लेकर भी करारा हमला किया।
जब आडवाणी ने सराहा था
जेटली ने कहा कि 1999 में जब वे मंत्री बने (सांसद बाद में बने) तो संसद में दूसरे दिन ही बोफोर्स मामले पर बोलने का मौका मिला। भाषण के बाद आडवाणी ने सराहा और कहा कि वे किस तरह मुद्दों पर बोलते हैं, व्यक्ति पर नहीं। इस पर ही वे चलने की कोशिश करते हैं, लेकिन कभी कभी इसका उल्लंघन भी हो जाता है।
उपलब्धियां गिनाईं
  • 400 अरब डॉलर के उच्चतम स्तर पर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश
  • 15.7 फीसदी की बढ़ोतरी इस साल प्रत्यक्ष कर में 
  • सालों से अटका पड़ा बेनामी संपत्ति कानून लागू किया गया
  • कड़े कानूनों से फर्जी कंपनियों पर लगाम लगाई गई 
  • प्रत्यक्ष विदेशी निवेश उच्चतम स्तर पर पहुंचा
  • चुनावी फंडिंग को कानूनी स्वरूप दिया गया

स्रोत - हिंदुस्तान (http://www.livehindustan.com/national/story-responding-to-criticism-arun-jaitley-said-the-country-does-not-have-a-recession-but-bold-decisions-for-3-years-1573770.html)

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