वाल्मीकि नगर, बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के सबसे उत्तरी भाग में नेपाल की सीमा के पास बेतिया से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह एक छोटा कस्बा है जहां कम आबादी है और यह अधिकांशत: वन क्षेत्र के अंदर है। पश्चिमी चंपारण जिले का एक रेलवे स्टेशन नरकटिया गंज के रेल हैड के पास स्थित है। यह पार्क उत्तर में नेपाल के रॉयल चितवन नेशनल पार्क और पश्चिम में हिमालय पर्वत की गंडक नदी से घिरा हुआ है।
यहां पर आप बाघ, स्लॉथ बीयर, भेडिए, हिरण, सीरो, चीते, अजगर, पीफोल, चीतल, सांभर, नील गाय, हाइना, भारतीय सीवेट, जंगली बिल्लियां, हॉग डीयर, जंगली कुत्ते, एक सींग वाले राइनोसिरोस तथा भारतीय भैंसे कभी कभार चितवन से चलकर वाल्मीकि नगर में आ जाते हैं।
मानसून के दौरान बाघों को एकांत चाहिए होता है। जुलाई से सितंबर तक बाघों का मिलन का समय होता है। इस वजह से वाल्मीकि टाइगर रिजर्व जुलाई से 30 सितंबर तक पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया था। तीन महीने बाद फिर से पर्यटक टाइगर रिजर्व का आनंद उठा सकेंगे। पर्यटक जंगल सफारी में बाघ, गैंडा, भालू, चिता, हाथी, हिरण एवं अन्य जंगली जानवरों को देख सकेंगे। साथ ही गंडक नदी में शिकारा पर वोटिंग कर सकेंगे।
पर्यटकों के लिए 1 अक्टूबर से वाल्मीकि टाइगर रिजर्व खुल गया है। आम लोग इसमें सैर का लुत्फ उठा सकते हैं। साथ ही शिकारा में बोटिंग भी कर सकते हैं।



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